दिवाली आई है खुशियां लुटाने आया हूँ

हिंदी परिवार द्वारा पाठक संसद का आयोजन
इंदौर. दीपोत्सव के पावन पर्व की पूर्व बेला में हिन्दी परिवार द्वारा अहिल्या केन्द्रिय पुस्तकालय में मासिक बैठक पाठक संसद का आयोजन किया गया.
बैठक में शहर के जाने-माने कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से साहित्यिक आतिशबाजी की जिसमें विचारों की फूलझडिय़ों, आशाओं के अनार एवं उम्मीदों के रॉकेट ने समूचे परिवेश को अदब की रोशनी से गुलज़ार कर दिया.
डॉ. तेजपाल सोढ़ी ने गीत सुनाकर विनती की- नफरत के अंधियारे में इक प्रेम का दीप जला दो… इक गीत मधुर सुना दो… स्नेह सरीता बहा दो… जग से न$फरत के तम को भगा दो… करूणा और दया की भावना जन जन में जगा दो… ऐसा पावन दीप जला दो.  हरेरामवाजपेई- दीप एक ऐसा जलाओ… जिससे मिटे मन का अंधकार… धैर्य का दीपक लगाना… आस्था की बाती बनाना… स्नेह का तेल हो जिसमें भावनाओं का हो खज़ाना.. उस समय तक जलता रहे वो… जब तक न हो स्वर्णिम सवेरा.
मुकेश इन्दौरी ने ग़ज़ल – शाम के गहरे साये मिटाने आया हूँ… आशाओं के दीप जलाने आया हूँ… लड़, बम, राँकेट, पटाखे चलाने आया हूँ… दीवाली आई है खुशियां लुटाने आया  हूँ सुनाकर दाद बटोरी.
प्रदीप नवीन,  वेद हिमांंशु, दिनेशचंद्र तिवारी, संतोष मोहंती, ओम उपाध्याय, जितेन्द्र शिवहरे, राहुल वर्मा, हेसा मेहता, अल्का जैन आदी ने रचना पाठ किया. अध्यक्षता शहर के जाने माने वरिष्ठ पत्रकार जीवन मंडलेचा ने की. संचालन हरेरामजी वाजपेई ने किया. अंत में देश के जाने माने भजन गायक विनोद अग्रवाल, शहर के जाने माने साहित्यकार डँा दुर्गा प्रसाद सरोज एवं लक्ष्मी नारायण शोमत को विनम्र श्रद्धांजली दी गई.

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